थोड़ा खुदसे प्यार करना
थोड़ा खुदसे प्यार करना,
थोड़ा खुदको महत्व भी देना
बहुत है ज़माने में खामियां गिनाने वाले
पर तुम, खुदकी खामियों को गले लगाना
क्यूंकि वही तुम्हें खास बनाती है।
हर कदम पर लोग नीचा दिखाएंगे
कोई रंग रूप के लिए,
तो कोई कद के लिए टोकेगा
पर तुम, अपने आपको स्वीकारना
हताश ना होना।
दूसरों की परवाह बहुत कर ली
अब खुदकी परवाह करना
और खुदकी ख़ुशियों का ख़याल करना
थोड़ा खुदको समझना,
थोड़ा खुदकी देखभाल करना।
अपनी आंखों के आसुओं को पोछना
और खुदको मजबूत करना
दूसरों की राय से मुक्त,
अपनी खुदकी एक पहचान बनाना
थोड़ा अपने मन की सुनना।
बिना किसी डर या शंका के,
जीवन की यात्रा का आनंद लेना
ज़िंदगी की राहों में अकेला चलना सीखना
दुनिया के भरोसे मत रहना,
थोड़ा खुद पर भरोसा करना।
खुद में ढूंढेगा…
तो ज़िंदगी खुशियों से भरी मिलेगी,
और सुकून का जहान मिलेगा
पर, नज़रें गर दूसरों पर रहेंगी
तो तुम्हें गमों की घेराबंदी मिलेगी।
ज़िन्दगी एक खूबसूरत सफर है
इसे हँसते हुए जीना
हर किसी से उम्मीद ना रखना
जीवन का हर पल संजोना,
क्योंकि गुज़रे पल लौटकर नहीं आते।
कोई साथ तुम्हारा दे या ना दे,
पर तुम खुदका साथ हमेशा देना
थोड़ा खुदको तवज्जो देना
खुद से खुदको ये तौहफा देना
थोड़ा खुदसे प्यार करना।
ये बात अपने जेहन में हमेशा याद रखना
जो साथ हो खुदका,
वो साथ होता है सबसे प्यारा
थोड़ा खुदसे प्यार करना
थोड़ा खुदको महत्व भी देना।
– सुमन मीना (अदिति)