Sahityapedia
Login
Create Account
Home
Search
Dashboard
0
Notifications
Settings
उमेश बैरवा
8 Followers
Follow
Report this post
8 Nov 2022 · 1 min read
थू थू हो गई
थू थू हो गई मेरी इस जमाने में!
मेरा लड़का लड़की भगा लाया इस जमाने में!!
Language:
Hindi
Like
Share
1 Like
· 138 Views
Share
Facebook
Twitter
WhatsApp
Copy link to share
Copy
Link copied!
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Join Sahityapedia on Whatsapp
You may also like:
रमेशराज की एक तेवरी
कवि रमेशराज
!! पुलिस अर्थात रक्षक !!
Akash Yadav
कांवड़िए
surenderpal vaidya
ऐसे साथ की जरूरत
Vandna Thakur
"ना जाने"
Dr. Kishan tandon kranti
क्या जनता दाग धोएगी?
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
-आगे ही है बढ़ना
Seema gupta,Alwar
हैं फुर्सत के पल दो पल, तुझे देखने के लिए,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
I dreamt of the night we danced beneath the moon’s tender li
Manisha Manjari
दर्द देकर मौहब्बत में मुस्कुराता है कोई।
Phool gufran
तेरी आंखों की बेदर्दी यूं मंजूर नहीं..!
SPK Sachin Lodhi
*कालरात्रि महाकाली"*
Shashi kala vyas
ज़ख्मों की गहराई
Dr. Rajeev Jain
जन-जन के आदर्श तुम, दशरथ नंदन ज्येष्ठ।
डॉ.सीमा अग्रवाल
3981.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
*तन - मन मगन मीरा जैसे मै नाचूँ*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
राज्य अभिषेक है, मृत्यु भोज
Anil chobisa
मैं खोया था जिसकी यादों में,
Sunny kumar kabira
क़िस्मत से जो मिले, वो नियामत है दोस्ती,
Neelofar Khan
मौलिक विचार
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
जमाना चला गया
Pratibha Pandey
खुद स्वर्ण बन
Surinder blackpen
अव्यक्त भाव को समझना ही अपनापन है और इस भावों को समझकर भी भु
Sanjay ' शून्य'
मुसीबत में घर तुम हो तन्हा, मैं हूँ ना, मैं हूँ ना
gurudeenverma198
चाहे कितने भी मतभेद हो जाए फिर भी साथ बैठकर जो विवाद को समाप
Ranjeet kumar patre
जिस नई सुबह ने
PRADYUMNA AROTHIYA
किसी को गुणवान संक्सकर नही चाहिए रिश्ते में अब रिश्ते
पूर्वार्थ
जब हक़ीक़त झूठ से टकरा गयी…!
पंकज परिंदा
मेरी प्यारी अभिसारी हिंदी......!
Neelam Sharma
■ कड़ा सवाल ■
*प्रणय*
Loading...