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22 Aug 2024 · 1 min read

था उसे प्यार हमसे

था उसे प्यार हमसे
ना रहा उसे, ऐतबार खुद पर
कसूर किसका है?
मझधार मे बह गया जिसका सब कुछ
बच गया वो दर किनार किसका है?
जो ना रहा अपने हक में
जो चला गया दूसरों के हक में
कसूर किसका है?
चाहा जिसे चाहत से बढकर
ना मिल सका
कसूर किसका है?
मिल गया जिसे यहाँ
बिना प्यार के ही सब कुछ
फिर सच्चा प्यार किसका है?
अब ना हो ऐतबार किसी पे
कसूर किसका है?
🦋Swami ganganiya🍁🥀

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