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13 Nov 2018 · 1 min read

था इल्म नहीं हमको

ख़ता की लाखों कोई दिल न तोड़ा,
ज़िन्दगी ने कोई मौका न छोड़ा।
ख़ामोशी थी जब तिनके भी चुप बैठे थे,
हम तो वहीं के वहीं रहे ठहरे थे।
इशारे थे उसके कुछ खोने को है,
था इल्म नहीं हमको ये होने को है।।

Language: Hindi
4 Likes · 338 Views
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