थाम ले तू हाथ हरि का संभल जाएगा बंधु
थाम ले तू हाथ हरि का संभल जाएगा बंधु
क्या है ये जीवन,मरण में है रखा
क्या है ये जीवन, मरण में है रखा
तुम ही हरि के हो , हरि एक सच्चा
आए हाथ भर के
आए हाथ भर के
खुले जा रहे हो
थाम ले तू हाथ हरि का संभल जाएगा बंधु I
धन और दौलत,रूप सब है माया
धन और दौलत , रूप सब है माया
तुमने नहीं सब उसने बनाया
सब कुछ दिया उसी ने
सब कुछ दिया उसी ने
जो तुमने है पाया
थाम ले तू हाथ हरि का संभल जाएगा बंधु II
हरि नाम जपले बंधु, ना कोई दूजा
हरी नाम जपले बंधु, ना कोई दूजा
बस , दिल में तू रख ले उसको वो चाहे ना पूजा
मन के तू मंदिर में
मन के तू मंदिर में
हरि नाम जपले
थाम ले तू हाथ हरि का संभल जाएगा बंधु III
जगत में आए हो ,तो जाना पड़ेगा
जगत में आए हो , तो जाना पड़ेगा
ना रह सका है कोई , ना ही रह सकेगा
वो सब जानता है तुमको
वो सब जानता है तुमको
उसी ने है लिखा
थाम ले तू हाथ हरि का संभल जाएगा बंधु IV
जो है शरण में हरि के, दुख है ना पीड़ा
जो है शरण में हरि के , दुख है ना पीड़ा
हृदय से लगाकर उसके , भरे मन के चीरा
ऐ साथी सुन ले अब तू
ऐ साथी सुन ले अब तू
हरी नाम भजले
थाम ले तू हाथ हरि का संभल जाएगा बंधु V