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25 Apr 2020 · 1 min read

थमी थमी सी जिंदगी

थमी-थमी सी ज़िन्दगी में
सब कुछ थम जाता है
चाहे वो दरिया हो,
वो भी ठहर जाता है
सांसें धड़कनों के साथ होकर भी थम जाती है
धड़कने खूब धड़क कर भी
अनजान रह जाती है
आंखें सब कुछ देखती हुई जमी रहती है
ज़ुबां से एक लफ़्ज़ नहीं निकलता
लेकिन अन्दर ही अन्दर आंधी चलती है
मन, कही बातों के मारे
ख़्यालों में भटक जाता है
और फिर चुपके से एक अवसाद का भंवरा
.
.
..
ज़हन में बस जाता है

Language: Hindi
1 Like · 554 Views
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