तड़पता रहा उम्र भर
मैं तड़पता रहा उम्र भर,
हाथ मलता रहा उम्र भर ।।
इक जीने की चाह में,
मैं मरता रहा उम्र भर ।।
हँसने की ख़्वाहिश थी,
बिलखता रहा उम्र भर ।।
रोशनी की तलाश थी,
मैं जलता रहा उम्र भर ।।
सब को उठा-उठा के,
मैं गिरता रहा उम्र भर ।।
#हनीफ़_शिकोहाबादी ✍️