Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Nov 2021 · 1 min read

त्योहार के बहाने ही सही….

त्योहार के बहाने ही सही….
????????

त्योहार के बहाने ही सही….
दूर कर लें अपने वे विकार !
मन में छुपे हैं जो कुविचार….
छोड़कर जिसे लाएं सुविचार !!

सालों भर करते हैं सब मेहनत ,
दूर – दराज़ के क्षेत्रों में रहते हैं !
कुछ अनियमितताओं से गुजरते हैं….
कुछ नियमों का भी उल्लघंन करते हैं !!

निज संस्कृति में भी बदलाव लाते हैं ,
गैर सांस्कृतिक बातों को अपनाते हैं !
खुद के कुछ संस्कार भी भूल जाते हैं ,
फिर सांस्कृतिक विकार घर ले आते हैं !!

पर्व-त्योहार जब आते हैं कभी-कभी ,
विशेषतः घर सभी आते हैं तभी-तभी !
शुद्धिकरण का अच्छा अवसर ये होता ,
विचारों में हो सकती हैं शुद्धि तभी ही !!

ये अवसर बहुत ही पावन अवसर होता ,
पर्व-त्योहार का सिलसिला लगा रहता….
नेक भावनाओं से सब इस वक्त लैस होते ,
देवी-देवता जो इस मौसम में हैं पूजे जाते !!

धरा इन दिनों सज-धज कर तैयार होती ,
सबका ध्यान साफ-सफाई पर जो होती !
वैदिक मंत्रों से वातावरण गुॅंजायमान होती ,
हर दिशा में सकारात्मकता ही फैली होती !!

सकारात्मकता का सब मिलकर लाभ उठाएं ,
अंतर्मन के विकारों को एकदम से भूल जाएं !
कुछ अच्छे गुणों को आत्मसात करते जाएं….
त्योहार के बहाने खुद में संस्कार भरते जाएं !!

स्वरचित एवं मौलिक ।
सर्वाधिकार सुरक्षित ।
अजित कुमार “कर्ण” ✍️✍️
किशनगंज ( बिहार )
दिनांक : 05 नवंबर, 2021.
“”””””””””””””””””””””””””””””””
?????????

Language: Hindi
4 Likes · 2 Comments · 489 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"ये आईने"
Dr. Kishan tandon kranti
फूल   सारे   दहकते  हैं।
फूल सारे दहकते हैं।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
"ज्वाला
भरत कुमार सोलंकी
संकोची हर जीत का,
संकोची हर जीत का,
sushil sarna
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
पृष्ठों पर बांँध से
पृष्ठों पर बांँध से
Neelam Sharma
उसकी इबादत आखिरकार रंग ले ही आई,
उसकी इबादत आखिरकार रंग ले ही आई,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
*कुहरा दूर-दूर तक छाया (बाल कविता)*
*कुहरा दूर-दूर तक छाया (बाल कविता)*
Ravi Prakash
सजि गेल अयोध्या धाम
सजि गेल अयोध्या धाम
मनोज कर्ण
!! हे लोकतंत्र !!
!! हे लोकतंत्र !!
Akash Yadav
दुनिया अब व्यावसायिक हो गई है,रिश्तों में व्यापार का रंग घुल
दुनिया अब व्यावसायिक हो गई है,रिश्तों में व्यापार का रंग घुल
पूर्वार्थ
4065.💐 *पूर्णिका* 💐
4065.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
एक बेवफा का प्यार है आज भी दिल में मेरे
एक बेवफा का प्यार है आज भी दिल में मेरे
VINOD CHAUHAN
मैं दौड़ता रहा तमाम उम्र
मैं दौड़ता रहा तमाम उम्र
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
Success Story -3
Success Story -3
Piyush Goel
अब बदला किस किस से लू जनाब
अब बदला किस किस से लू जनाब
Umender kumar
बेसहारों को देख मस्ती में
बेसहारों को देख मस्ती में
Neeraj Mishra " नीर "
टिक टिक टिक
टिक टिक टिक
Ghanshyam Poddar
तन्हाई को जीते जीते
तन्हाई को जीते जीते
हिमांशु Kulshrestha
मोहब्बत की राहों मे चलना सिखाये कोई।
मोहब्बत की राहों मे चलना सिखाये कोई।
Rajendra Kushwaha
उम्र के हर पड़ाव पर
उम्र के हर पड़ाव पर
Surinder blackpen
पूजा
पूजा
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
आपके मन में विचारों का आवागमन जितना कम होगा, जीवन की यात्रा
आपके मन में विचारों का आवागमन जितना कम होगा, जीवन की यात्रा
ललकार भारद्वाज
हैं हमारे गुरू
हैं हमारे गुरू
राधेश्याम "रागी"
#व्यंग्य-
#व्यंग्य-
*प्रणय*
स्वयं से सवाल
स्वयं से सवाल
आनन्द मिश्र
बस इतना सा दे अलहदाई का नज़राना,
बस इतना सा दे अलहदाई का नज़राना,
ओसमणी साहू 'ओश'
पलकों पे जो ठहरे थे
पलकों पे जो ठहरे थे
Dr fauzia Naseem shad
बहादुर बेटियाँ
बहादुर बेटियाँ
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
“भोर की पहली किरण , ह्रदय को आनन्दित करती है ,
“भोर की पहली किरण , ह्रदय को आनन्दित करती है ,
Neeraj kumar Soni
Loading...