त्याग
लोक लाज के भय से,अब बुढ़िया बैठी उदास
सारी उमर बिता डाली ,,दिल म छिपाये आश,,
त्याग मुरत कहलाती है,लोग किया बदनाम
एक जनम वह खो बैठी, कैसा सुंदर सम्मान
पुनर्जन्म होगा की नहीं कौन लगाया अनुमान
त्याग मुरत नारी को भी,लोगन करते हैं बदनाम
लोक लाज के भय से,अब बुढ़िया बैठी उदास
सारी उमर बिता डाली ,,दिल म छिपाये आश,,
त्याग मुरत कहलाती है,लोग किया बदनाम
एक जनम वह खो बैठी, कैसा सुंदर सम्मान
पुनर्जन्म होगा की नहीं कौन लगाया अनुमान
त्याग मुरत नारी को भी,लोगन करते हैं बदनाम