त्याग की देवी का नाम ना दो
किसी और का हक नहीं चाहिए,
मुझे बस मेरा हक दे दो।
मेरी भी अपनी कुछ मर्ज़ी है,
मुझे मेरी मर्जी से जीने दो।
मेरा हक छीन कर मुझसे,
त्याग की देवी का नाम ना दो,
मेरा हक लेने से पहले
मेरी मर्जी मुझसे भी पुछो।
मर्यादा के नाम पर मेरे
पैरों में जंजीर ना डालो,
मेरा हद मुझको भी पता है
संस्कारों का झुठा बंधन ना बांधो।
मैं भी आसमां छु सकती हूँ,
बस मेरे पंख ना काटो,
मेरी भी अपनी कुछ आवाज है,
मुझे भी अपनी बात कहने दो।
नारी होने का सौभाग्य मिला है,
इसे मेरा सौभाग्य रहने दो।
दीपाली कालरा