तोड़कर तुमने मेरा विश्वास
म
करके मुझसे बेवफाई,
थामा तुमने हाथ दूजे का,
करके बर्बाद मेरे जीवन को,
किया है आबाद घर दूजे का,
तोड़कर तुमने मेरा विश्वास,
बना दिया ऐसा मुझको।
बह रहे हैं आँसू मेरे दिल के,
तुमने जो धोखा दिया है,
कराह रहा है मेरा हृदय,
तुमने जो जख्म दिया है,
तोड़कर तुमने मेरा विश्वास,
बना दिया ऐसा मुझको।
जश्न मना रहा है तू ,
लूटकर मेरी खुशियों को,
रोशन तू हो रहा है,
बुझाकर मेरे चिरागों को,
तोड़कर तुमने मेरा विश्वास,
बना दिया ऐसा मुझको।
कर दिया है मुझको अकेला,
छोड़कर सफर में मुझको,
लगा दी आग मेरे ख्वाबों में,
करके बदनाम सच मुझको,
तोड़कर तुमने मेरा विश्वास,
बना दिया ऐसा मुझको।
जिंदा एक लाश की तरहां,
दुनिया में जी रहा हूँ ,
बेदर्दी- बेशर्म है तू ,
हकीकत तेरी कह रहा हूँ ,
तोड़कर तुमने मेरा विश्वास,
बना दिया ऐसा मुझको।
शिक्षक एवं साहित्यकार-
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला-बारां(राजस्थान)
मोबाईल नम्बर- 9571070847