“तोहमत”
तू बेवफा ही सही मोहब्बत थी तुझसे।
इसलिए तेरा बुरा नहीं चाहता हूं।
अक्सर इस भीड़ में भी अकेले,
तेरी कामयाबी का जशन मानता हूं।
कोई लगा ना दे तोहमत तुझपे,
इसलिए लोगों से मै आज भी नज़रें चुराता हूं।
तू बेवफा ही सही मोहब्बत थी तुझसे।
इसलिए तेरा बुरा नहीं चाहता हूं।
अक्सर इस भीड़ में भी अकेले,
तेरी कामयाबी का जशन मानता हूं।
कोई लगा ना दे तोहमत तुझपे,
इसलिए लोगों से मै आज भी नज़रें चुराता हूं।