तोरी ढिल्या देहें चाल ( बुन्देली ,लोक गीत)
मेरो बडो बहुत मन चंगा ,गोरी रोज बहावे गंगा
तोरी ढिल्या देहें चाल , दो दो घूमे अबकी साल
गोरी मानो मेरो कहना ,मारो ने तुम तिरछे नैना
तू तो अभी भई नई माल , तोरेे गोरे गोरे गाल
तोरी अभे बहुत है छोटी, तन्नक डबल होन दे रोटी
तू फिर कर बहुत कमाल,मोखे करबे मालामाल
तोरी अभें धरी है खुक्क तन्ने बड़ी होन दे नुक्क
तेरे अभे भए ना बाल ,फिर से मिल है अबकी साल
तेरे नयन कटीले काले गोरी बाल बड़े घुंघराले
कृष्णा पूछे तेरो हाल , तेरे अभे भए ना बाल