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21 Sep 2021 · 1 min read

तोरा देखिलौ(कविता)

तोरा देखिलौ आब जिनगी मे बहार आयल
सजल हथेली,चूडी पायल
मन मे गतर गतर सगरो कोना करार आयल
तोरा देखिलौ आब जिनगी मे बहार आयल
सावनक घटा आब,ताउ जेठक कि
ठंडक मजाल जोखू
तोरा देखिलौ आब जिनगी मे बहार आयल
देहरि के दिँया ,अगना के तुलसी
बेंरग तनमन
फेरो फगुआ पावन फुहआर आयल
ललकी नुआ किनि देलौ देवघर मे
तोर मोहनि मूरत मे गजबे निखार आयल
बाट के नसीब,हस्ती छाप छोडू
तोरा देखिलौ आब जिनगी बहार आयल

मौलिक एवं स्वरचित
© -श्रीहर्ष आचार्य)

Language: Maithili
8 Likes · 6 Comments · 320 Views

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