तोते से मैंना यूँ बोली
*****तोते से मैंना यूँ बोली*****
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तोते से आ कर मैना यूँ बोली
सच सच बात बताओ वो यूँ बोली
जितना ज्यादा मैं तुम्हे चाहती हूँ
तुम मुझे कितना चाहे वो यूँ बोली
सुन्दरता जब मेरी होगी धुमिल
ऐसा सी प्यार जताओगे यूँ बोली
आँखे जो मेरी गर अंधी हों जाएं
अग्रिम राह दिखाओगे वो यूँ बोली
तन मेरा जो शक्तिहीन हो गया
बाहों में भार उठाओगे वो यूँ बोली
निज हाथों से अगर मैं खा न पाऊँ
खाना रोज खिलाओगे वो यूँ बोली
वाणी ने जो मेरा साथ छोड़ दिया
इशारों को समझोगे वो यूँ बोली
श्रवणशक्ति भी अगर क्षीण हो गई
तन की भाषा समझोगे वो यूँ बैली
जमाने की रौनक और चकाचौंध मे
मुझे याद रख पाओगे वो यूँ बोली
तेरी बाहों में अगर मैंनें दम तोड़ा
दो गज कपड़ा भी दोगे वो यूँ बोली
सारी बाते सुन कर तोता यूँ बोला
जान से प्यारी सुन मैंना मेरी बोली
इक भी सांस न कम न ज्यादा होगा
एक अर्थी होगी सुनो तुम मूरी बोली
साथ जियेंगे और एक साथ मरेंगे
मनसीरत कहे मैना सुन मेरी बोली
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)