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25 Jun 2023 · 1 min read

*तोता (बाल कविता)*

तोता (बाल कविता)

पिंजरे में पाला जब तोता
भीतर ही भीतर था रोता
हरी मिर्च जब उसे खिलाई
उसे याद जंगल की आई
बोला उड़ पेड़ों पर जाऊॅं
आजादी मैं काश मनाऊॅं

रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451

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