तोडके दिल मेरा वो भी तो पछताया होगा
आपकी नजर………………..इक रचना
तोडके दिल मेरा वो भी तो पछताया होगा
ढूंढता खुद में अब वो मेरा ही साया होगा
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बैठा के रखा उसे, जैसे हमने पलको पे
नाज उसका ऐसे किसी ने न उठाया होगा
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जैसे बनाया हमने ,इश्क़ इबादत अपनी
कुछ तो उसने भी, इश्क़ निभाया होगा
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मिला जो होगा खत मेरा आखिरी उसको
चुमके उसने फिर कलेजे से लगाया होगा
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देख कर अश्क़ मेरे ,फिर खत पर उसने
कतरा कतरा फिर खत पे बहाया होगा
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कपिल कुमार
25/11/2016