तेवरी
गुलशन पै बहस नहीं करता
मधुवन पै बहस नहीं करता ।
जो भी मरुथल में अब बदला
सावन पै बहस नहीं करता |
कहते हैं इसे न्यूज़-चैनल
ये जन पै बहस नहीं करता |
है इसीलिये वह तहखाना
आँगन पै बहस नहीं करता |
वो बोल रहा है “ ओम शांति “
क्रन्दन पै बहस नहीं करता |
वो करता धड़ से तुरत अलग
गर्दन पै बहस नहीं करता |
वो मौतों का व्यापारी है
जीवन पै बहस नहीं करता |
वो लिए सियासी दुर्गंधें
चन्दन पै बहस नहीं करता |
+रमेशराज