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4 Dec 2016 · 1 min read

तेवरी। नोट के बदलते तेवर।

तेवरी ।नोट के बदले तेवर ।।

राजनीति है झूठ की ।
आँधी आयी लूट की । महिमा अपरंपार है ।।

बदला लो अब ओट का ।
घाव लगे हर चोट का । छुपे हुये गद्दार हैं ।।

हर तबके हर लोग से ।
मोदी के सहयोग से । सबका ही उद्धार है ।।

कालाधन तो काल है ।
पर देश का हि माल है । जन जन का अधिकार है ।।

बात नही अब लात से ।
व्यंग्य नही आघात से । करना अब परहार है ।।

©राम केश मिश्र

Language: Hindi
305 Views
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