Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Dec 2016 · 1 min read

तेवरी। नोट के बदलते तेवर।

तेवरी ।नोट के बदले तेवर ।।

राजनीति है झूठ की ।
आँधी आयी लूट की । महिमा अपरंपार है ।।

बदला लो अब ओट का ।
घाव लगे हर चोट का । छुपे हुये गद्दार हैं ।।

हर तबके हर लोग से ।
मोदी के सहयोग से । सबका ही उद्धार है ।।

कालाधन तो काल है ।
पर देश का हि माल है । जन जन का अधिकार है ।।

बात नही अब लात से ।
व्यंग्य नही आघात से । करना अब परहार है ।।

©राम केश मिश्र

Language: Hindi
343 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
I never force anyone to choose me. If you think you can find
I never force anyone to choose me. If you think you can find
पूर्वार्थ
"धरती"
Dr. Kishan tandon kranti
3006.*पूर्णिका*
3006.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
एकरसता मन को सिकोड़ती है
एकरसता मन को सिकोड़ती है
Chitra Bisht
بدلتا ہے
بدلتا ہے
Dr fauzia Naseem shad
विधाता है हमारे ये हमें जीना सिखाते हैं
विधाता है हमारे ये हमें जीना सिखाते हैं
Dr Archana Gupta
प्यार जताना नहीं आता ...
प्यार जताना नहीं आता ...
MEENU SHARMA
जुनून
जुनून
अखिलेश 'अखिल'
चाहत नहीं और इसके सिवा, इस घर में हमेशा प्यार रहे
चाहत नहीं और इसके सिवा, इस घर में हमेशा प्यार रहे
gurudeenverma198
राजर्षि अरुण की नई प्रकाशित पुस्तक
राजर्षि अरुण की नई प्रकाशित पुस्तक "धूप के उजाले में" पर एक नजर
Paras Nath Jha
चुनाव में मीडिया की भूमिका: राकेश देवडे़ बिरसावादी
चुनाव में मीडिया की भूमिका: राकेश देवडे़ बिरसावादी
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
गर तहज़ीब हो मिट्टी सी
गर तहज़ीब हो मिट्टी सी
Abhinay Krishna Prajapati-.-(kavyash)
चोर दरबार से नहीं निकला
चोर दरबार से नहीं निकला
अरशद रसूल बदायूंनी
एक मुस्कान के साथ फूल ले आते हो तुम,
एक मुस्कान के साथ फूल ले आते हो तुम,
Kanchan Alok Malu
ग़ज़ल होती है
ग़ज़ल होती है
Anis Shah
*भिन्नात्मक उत्कर्ष*
*भिन्नात्मक उत्कर्ष*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
अरे रामलला दशरथ नंदन
अरे रामलला दशरथ नंदन
Neeraj Mishra " नीर "
बस इतनी सी अभिलाषा मेरी
बस इतनी सी अभिलाषा मेरी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
भोले बाबा की कृप
भोले बाबा की कृप
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
वज़्न -- 2122 2122 212 अर्कान - फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन बह्र का नाम - बह्रे रमल मुसद्दस महज़ूफ
वज़्न -- 2122 2122 212 अर्कान - फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन बह्र का नाम - बह्रे रमल मुसद्दस महज़ूफ
Neelam Sharma
वाह रे मेरे समाज
वाह रे मेरे समाज
Dr Manju Saini
*संतान सप्तमी*
*संतान सप्तमी*
Shashi kala vyas
अनजान राहों का सफर
अनजान राहों का सफर
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
#नई_शिक्षा_नीति
#नई_शिक्षा_नीति
*प्रणय*
स्वयं की खोज कैसे करें। - रविकेश झा
स्वयं की खोज कैसे करें। - रविकेश झा
Ravikesh Jha
गर मुहब्बत करते हो तो बस इतना जान लेना,
गर मुहब्बत करते हो तो बस इतना जान लेना,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ख्याल तुम्हारा आता है जब रात ये आधी लगती है*
ख्याल तुम्हारा आता है जब रात ये आधी लगती है*
डॉ कुलदीपसिंह सिसोदिया कुंदन
मुक्तक
मुक्तक
Sonam Puneet Dubey
गांव
गांव
Bodhisatva kastooriya
-शेखर सिंह
-शेखर सिंह
शेखर सिंह
Loading...