तेवरी। नोट के बदलते तेवर।
तेवरी ।नोट के बदले तेवर ।।
राजनीति है झूठ की ।
आँधी आयी लूट की । महिमा अपरंपार है ।।
बदला लो अब ओट का ।
घाव लगे हर चोट का । छुपे हुये गद्दार हैं ।।
हर तबके हर लोग से ।
मोदी के सहयोग से । सबका ही उद्धार है ।।
कालाधन तो काल है ।
पर देश का हि माल है । जन जन का अधिकार है ।।
बात नही अब लात से ।
व्यंग्य नही आघात से । करना अब परहार है ।।
©राम केश मिश्र