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29 Sep 2022 · 1 min read

तेरे होने में क्या??

न जानूँ मैं इश्क़ क्या हैं?
और कौन इश्क़ करता है!
कितनी मेहरबाँ है दिल पे वो
और ख़ुद ही मुझपे मरता है!!

कैसे कहूँ तू राज़दाँ है मेरा
मेरे सफ़र तू हमसफ़र है
यकीं कैसे हो तेरे संग रहकर
क्या प्यार मेरा तू सरबसर है!!

मालूम कैसे हो मुझे तुझपे यूँ
जो तू नहीं आजाद जिगर है
है हम बाहों में तेरे जो,
होकर भी न मालूम नज़र है!!

मैं कैसे पूछूँ दिल से तेरे
क्या पता वो क्या खबर दे
कहीं बदल न दे चाल को यूँ
नज़र से वो बस ज़हर दे!!

है नहीं अब कुछ तसल्ली
खो गए जो इश्क़ में तेरे
मैं क्या बतलाए जाने जाँ
जो है अभी तेरे हुस्न पे घेरे!!

मनोज कुमार
गोण्डा जिला उत्तर प्रदेश

1 Like · 292 Views

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