तेरे होने का सबूत
उसके होने का अहसास
और अधिक पुख्ता हुआ जब
कमरे की दीवार पर टंगा
कैलेंडर का पन्ना
बंद खिड़कियों और रोशनदानों के
बीच
बिना हवा के
गहन खामोशियों को तोड़ता
एक परिंदे के सूखे पंखों की
तरह फड़फड़ाने लगा
इस घटना पर मुझे जरा भी
संदेह नहीं हुआ
न बिल्कुल डर लगा
यकीन गहराता चला गया
तेरे जाने के बाद भी
तेरे होने का सबूत
मेरे विश्वास की डोर थामे
मेरे मन का दरवाजा खटखटाता रहा।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001