– तेरे सामने ही रहु –
– तेरे सामने ही रहु –
तुझमें ही रहु तुझमें ही में खो जाऊ,
तेरे साथ में रहना चाहु,
तुझको ही में अपना बनाऊ,
तेरे लिए में दुनिया की सारी ताकतो से लड़ जाऊ,
तुझको पाने के लिए भाग्य में शायद तुम न हो,
पर मेरे भाग्य में विधाता से तुझको लिखवाऊ,
बस इतनी सी अरदास ईश्वर से,
में तेरे सामने ही रह पाऊ,
✍️ भरत गहलोत
जालोर राजस्थान
संपर्क -7742016184