Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Nov 2023 · 1 min read

– तेरे सामने ही रहु –

– तेरे सामने ही रहु –
तुझमें ही रहु तुझमें ही में खो जाऊ,
तेरे साथ में रहना चाहु,
तुझको ही में अपना बनाऊ,
तेरे लिए में दुनिया की सारी ताकतो से लड़ जाऊ,
तुझको पाने के लिए भाग्य में शायद तुम न हो,
पर मेरे भाग्य में विधाता से तुझको लिखवाऊ,
बस इतनी सी अरदास ईश्वर से,
में तेरे सामने ही रह पाऊ,
✍️ भरत गहलोत
जालोर राजस्थान
संपर्क -7742016184

Language: Hindi
96 Views

You may also like these posts

कब भोर हुई कब सांझ ढली
कब भोर हुई कब सांझ ढली
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
9) दिल कहता है...
9) दिल कहता है...
नेहा शर्मा 'नेह'
Love Night
Love Night
Bidyadhar Mantry
मन के वेग को यहां कोई बांध सका है, क्या समय से।
मन के वेग को यहां कोई बांध सका है, क्या समय से।
Annu Gurjar
“क्योंकि हरेक पति की एक कहानी है ,
“क्योंकि हरेक पति की एक कहानी है ,
Neeraj kumar Soni
प्रित
प्रित
श्रीहर्ष आचार्य
*वोट हमें बनवाना है।*
*वोट हमें बनवाना है।*
Dushyant Kumar
*देना प्रभु जी स्वस्थ तन, जब तक जीवित प्राण(कुंडलिया )*
*देना प्रभु जी स्वस्थ तन, जब तक जीवित प्राण(कुंडलिया )*
Ravi Prakash
- राहत -
- राहत -
bharat gehlot
भारत मे तीन चीजें हमेशा शक के घेरे मे रहतीं है
भारत मे तीन चीजें हमेशा शक के घेरे मे रहतीं है
शेखर सिंह
भूल गए हैं
भूल गए हैं
आशा शैली
तेवरीः एक संकल्प-चेतना की अभिव्यक्ति + शिवकुमार थदानी
तेवरीः एक संकल्प-चेतना की अभिव्यक्ति + शिवकुमार थदानी
कवि रमेशराज
सुन्दरता
सुन्दरता
Rambali Mishra
कुछ दर्द झलकते आँखों में,
कुछ दर्द झलकते आँखों में,
Neelam Sharma
वो तीर ए नजर दिल को लगी
वो तीर ए नजर दिल को लगी
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
বড় অদ্ভুত এই শহরের ভীর,
বড় অদ্ভুত এই শহরের ভীর,
Sakhawat Jisan
बिना चले गन्तव्य को,
बिना चले गन्तव्य को,
sushil sarna
मैं जो कुछ हूँ, वही कुछ हूँ,जो जाहिर है, वो बातिल है
मैं जो कुछ हूँ, वही कुछ हूँ,जो जाहिर है, वो बातिल है
पूर्वार्थ
पीड़ा
पीड़ा
DR ARUN KUMAR SHASTRI
दीदार
दीदार
Dipak Kumar "Girja"
" वो कौन है "
Dr. Kishan tandon kranti
क्यों नहीं लोग.....
क्यों नहीं लोग.....
Ajit Kumar "Karn"
यदि  हम विवेक , धैर्य और साहस का साथ न छोडे़ं तो किसी भी विप
यदि हम विवेक , धैर्य और साहस का साथ न छोडे़ं तो किसी भी विप
Raju Gajbhiye
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
4163.💐 *पूर्णिका* 💐
4163.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
जन्मभूमि पर रामलला के मंदिर का निर्माण हो
जन्मभूमि पर रामलला के मंदिर का निर्माण हो
श्रीकृष्ण शुक्ल
दोहा
दोहा
Neelofar Khan
गर्मी उमस की
गर्मी उमस की
AJAY AMITABH SUMAN
हमको लगता है बेवफाई से डर....
हमको लगता है बेवफाई से डर....
Jyoti Roshni
रख हौसले बुलंद तेरी भी उड़ान होगी,
रख हौसले बुलंद तेरी भी उड़ान होगी,
Sunil Maheshwari
Loading...