“तेरे साथ”
सुर्ख चांदनी में डूबी ,ये राते अच्छी नहीं लगती।
??तेरे बिना किसी और की, बातें मुझे अच्छी नहीं लगती।
तू थी, तो गुल से गुलजार हुआ करते थे।
??तेरे साथ ,मेरे सारे बहार हुआ करते थे।
सुर्ख चांदनी में डूबी ,ये राते अच्छी नहीं लगती।
??तेरे बिना किसी और की, बातें मुझे अच्छी नहीं लगती।
तू थी, तो गुल से गुलजार हुआ करते थे।
??तेरे साथ ,मेरे सारे बहार हुआ करते थे।