Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Apr 2018 · 1 min read

तेरे शहर में वो बात नहीं

जो बात हे मेरे गाँव में
तेरे शहर में वो बात नहीं
जो सुकून हे मेरे गाँव में
तेरे शहर में वो दिन रात नहीं।

झरने बहते हे कल- कल
बहती ठंडी बयार हर पल
पेड़ो की वो शीतल छाया
कितना मधुर हे नदियो का जल।

पर तेरे शहर में तो
शोर शराबा और तनाव
अशुद्ध हवा हे
और नलो में सिमटा जल

मेरे गाँव का भोलाभाला
कितना मस्त कितना मतवाला
जीवन जीता हे उमंग से
बस थोड़े में खुश होने वाला

पर तेरे शहर का इंसान
हर पल नयी चाले चलता
खुद को आगे करने की चाहत में
बस पैसे के पीछे भागा फिरता।

मेरे गाँव के वो अनपढ़ काका
मुझे बुलाते ,पास बिठाते
जीवन की इस कठिन डगर में
जीने की नई राह सुझाते।

और तेरे शहर के पढ़े लिखे
जितना पढ़ते उतना अकड़ते
इनको बस खुद से मतलब
मुझे कहाँ इंसान समझते।

Language: Hindi
514 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
अपनी सूरत
अपनी सूरत
Dr fauzia Naseem shad
माँ तेरे चरणों मे
माँ तेरे चरणों मे
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
नकाबपोश रिश्ता
नकाबपोश रिश्ता
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
एक महिला की उमर और उसकी प्रजनन दर उसके शारीरिक बनावट से साफ
एक महिला की उमर और उसकी प्रजनन दर उसके शारीरिक बनावट से साफ
Rj Anand Prajapati
कुछ पैसे बचा कर रखे हैं मैंने,
कुछ पैसे बचा कर रखे हैं मैंने,
Vishal babu (vishu)
राजाधिराज महाकाल......
राजाधिराज महाकाल......
Kavita Chouhan
बेटियां!दोपहर की झपकी सी
बेटियां!दोपहर की झपकी सी
Manu Vashistha
हुऐ बर्बाद हम तो आज कल आबाद तो होंगे
हुऐ बर्बाद हम तो आज कल आबाद तो होंगे
Anand Sharma
लिबास दर लिबास बदलता इंसान
लिबास दर लिबास बदलता इंसान
Harminder Kaur
दिल
दिल
Neeraj Agarwal
चुनावी मौसम
चुनावी मौसम
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
देव दीपावली
देव दीपावली
Vedha Singh
बहुत देखें हैं..
बहुत देखें हैं..
Srishty Bansal
बड़ी ठोकरो के बाद संभले हैं साहिब
बड़ी ठोकरो के बाद संभले हैं साहिब
Jay Dewangan
हम वीर हैं उस धारा के,
हम वीर हैं उस धारा के,
$úDhÁ MãÚ₹Yá
जय श्री राम
जय श्री राम
आर.एस. 'प्रीतम'
* चाह भीगने की *
* चाह भीगने की *
surenderpal vaidya
2379.पूर्णिका
2379.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
क़ीमती लिबास(Dress) पहन कर शख़्सियत(Personality) अच्छी बनाने स
क़ीमती लिबास(Dress) पहन कर शख़्सियत(Personality) अच्छी बनाने स
Trishika S Dhara
काफी लोगो ने मेरे पढ़ने की तेहरिन को लेकर सवाल पूंछा
काफी लोगो ने मेरे पढ़ने की तेहरिन को लेकर सवाल पूंछा
पूर्वार्थ
(20) सजर #
(20) सजर #
Kishore Nigam
🤔कौन हो तुम.....🤔
🤔कौन हो तुम.....🤔
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
कड़वी  बोली बोल के
कड़वी बोली बोल के
Paras Nath Jha
मोहन ने मीरा की रंग दी चुनरिया
मोहन ने मीरा की रंग दी चुनरिया
अनुराग दीक्षित
दोहे -लालची
दोहे -लालची
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
तेरे संग मैंने
तेरे संग मैंने
लक्ष्मी सिंह
"हल्के" लोगों से
*Author प्रणय प्रभात*
जिंदगी एक सफ़र अपनी
जिंदगी एक सफ़र अपनी
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
राज जिन बातों में था उनका राज ही रहने दिया
राज जिन बातों में था उनका राज ही रहने दिया
कवि दीपक बवेजा
यकीन
यकीन
Sidhartha Mishra
Loading...