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11 Feb 2017 · 1 min read

तेरे बिन

बिन तेरे
तेरी यादों में
मुमकिन है…
मैं जी जाऊँ
बेखबर हूँ… ये भी हो सकता है
पूरी तरह बिखर जाऊँ !

ढह रहा
सपनों का घर
मुमकिन है…
आँसू पी जाऊँ !
बेखबर हूँ… ये भी हो सकता है
संग आँसुओं के बह जाऊँ !

घायल अपनी
यादों के पन्ने
मुमकिन है
बँद कर पाऊँ
बेखबर हूँ… ये भी हो सकता है
किताब पूरी पढ़ जाऊँ ! !

अंजु गुप्ता

Language: Hindi
284 Views

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