तेरे बिन
तेरे बिन जीवन की राहें,
दुर्गम हैं आसान नहीं ।
श्रांत बहुत है मन ये मेरा,
आ जाओ मन मीत कहीं से ।
बरसा दो प्रेम की वर्षा ,
मेरे जीवन की राहों में ।
व्यथा बनी जीवन पर्याय,
भर लो मुझको तुम बाँहों में।
तुम मेरे हित अब प्यार मेरे,
मुझको तुम में रह जाने दो।
तेरे सिवा कोई दूजा साया,
अब मेरे पास न आने दो।