तेरे बिना
दिल कहीं न लागे तेरे बिना !
सुख सुख ना लागे तेरे बिना !!
अब मेरा इस पर जोर कहाँ !
जाने कहाँ ये भागे तेरे बिना !!
भोजन में अब स्वाद कहाँ !
नित होते हैं नागे, तेरे बिना !!
आँखों में अब नींद कहाँ !
हर पल ये जागें, तेरे बिना !!
किस्मत न जाने सोई कहाँ !
हम हुए अभागे, तेरे बिना !!
सुलझे कैसे जीवन- डोरी !
उलझे सब धागे, तेरे बिना !!
घोड़े वक्त के ले जाएं कहाँ !
क्या हो अब आगे, तेरे बिना !!
खुश रहो तुम, रहो जहाँ !
सीमा दुआ ये माँगे, तेरे बिना !!
-सीमा अग्रवाल
मुरादाबाद ( उत्तर प्रदेश )