तेरे बिना जीना है गँवारा //गीत/
वो जानाँ तेरे बिना जीना है गँवारा
आ जाऊँ दुनिया छोड़ तू कर दे इशारा
जीना -मरना है तेरी ही बाहों में
तू ही है हंसी खुशियों की बहारा
वो जानाँ….
तेरी दीवानी,मस्तानी हूँ तू न जाना
छुप-छुप के देखी राहें तूने कहाँ माना
क्यों आते नहीं बनके सावन मेरे आँगन
प्यासी जमीं हूँ ,तू है बादल आवारा
वो जानाँ…..
चुरा ले ग़म को , चुम ले लब को
दिल की बाते पास आके कह दो
न रहो खफा ,कर दो वफ़ा की बारिश
तड़प के दिल ने आज तुम्हें है पुकारा
वो जानाँ .,
कैसे जी रहे है तुम्हारे बिन आके पूछ ले जरा
तेरी यादों में हूँ ज़िंदा अब तक हूँ नहीं मरा
तुम्हारे बिन डूब न जाए मेरी ज़िंदगी की नईया
न कर इंतज़ार कोई पल की अब मुझे दे तू किनारा
वो जानाँ …
कवि :- दुष्यंत कुमार पटेल “चित्रांश”