तेरे नाम हो जाये
जिया तेरा हमेशा के
लिए अब नाम हो जाये
हसीं सी जिन्दगी में
आज कोई काम हो जाये
मुहब्बत यह बनी दिल में
रहे तेरी सदा को ही
नजर तेरी पड़े जब भी
तभी यह शाम हो जाये
बनी है आज मेरी जब
प्रिया तू जब हमेशा
निभा सब रीति इस
परिवार की आराम हो जाये
सदा तुम साथ चलना यूँ
निभाती ही रहूँ तुमको
कभी मत खींचना इतना
कि दिल सद्दाम हो जाये
चलो हम छोड़ कर दुनियाँ
चलें संग साथ रहने को
समा कर देह तुझमें यूँ
मुझे इतमाम हो जाये
इतमाम —पूरा करने का भाव
डॉ मधु त्रिवेदी