तेरे नाम की …..
लिखे हर शब्द के कविता तेरे नाम की , उड़ेल दिया चाहतो के लफ्ज को मैंने तेरे लिए ,
धड़कने चलती और ठहरती रही तेरे ख्वाब में , जी मचलता रहा तेरे हर याद के लिए ,
बेशक तराशा हैं खुदा ने तुझे मूर्ति की तरह , मैने हर नज्म लिखे हैं तेरे याद में ।
रुकती ,भीगती , और भागती इन बारिशों में खिली हर कली से तेरा जिक्र किया है मैंने ,
पतझड़ में झड़ी और सावन में खिली पत्तो पर मैंने तेरा नाम लिखा है ,
हर नज्म ,हर कलमा, हर गीत , हर कविता मैने तेरे लिए पढ़ी है ,
हर मंदिर ,हर मजिस्द ,हर गुरुद्वारा में मैंने तुझे मांगा है , बेशक मैने हर शब्द तेरे लिए लिखे हैं ।