तेरे दिल की गली में_____ गजल /गीतिका
तेरे दिल की गली में, थोड़ी जगह दे दे मुझको।
आशियाना मै अपना ,वहां बनाऊंगा।।
रहेंगे संग संग हम और तुम जाने बहार।
सपने जो तेरे ,वही मेरे सजाऊंगा।।
प्यार की दीवार होगी, इकरार की छत।
न करूं तकरार ,नेह बरसाऊंगा।।
मानू मैं तेरी ,तू भी मुझको पहचाने।
पथ सामंजस्य का ही अपनाऊंगा।।
दिन जीवन के चार, गुजर जाएंगे यार।
प्रेम , प्रीत की सुंदर बेल लगाऊंगा।।
महकेंगे फूल उसमें, खाएंगे लोग हमारी कसमें।
“अनुनय”इस आशियाने को, अमर कर जाऊंगा।।
****राजेश व्यास अनुनय****