तेरे दरबार आया हूँ
छोर सारी दुनियाँ, तेरे दरबार आया हूँ।
मुझे दर्शन दिखा मैया, मैया मैं पहलीबार आया हूँ।।
कोई मेरा सहारा ना, मेरा बस तू सहारा है
सारी दुनियाँ से अच्छा माँ, तेरा दरबार प्यरा है
आज तेरे लिय मैया मैं चुनरी लाल लाया हूँ।
छोर सारी दुनियाँ, तेरे दरबार आया हूँ।।
मेरे मन की कामना को, माँ तूही पुरा सकती
मेरी बिगड़ी हुई कामों को, माँ तूही बना सकती
जला दे आशा की किरणें, मैं पहलीबार आया हूँ।
छोर सारी दुनियाँ, तेरे दरबार आया हूँ।
माँ तेरे नाम की माला, सदा जपते ही रहता हूँ
तेरी महिमा का गान हरपल, मैं भजते ही रहता हूँ
बड़ा अज्ञान “बसंत” बेटा, बढ़ा दे ज्ञान आया हूँ।
छोर सारी दुनियाँ, तेरे दरबार आया हूँ।
✍️ बसंत भगवान राय
( धुन: जमाना छोड़ देंगे हम)