तेरे टूटे हुए दिल पे तू खुद मरहम लगाएगा
जिसने घाव ना झेला, वो उसका दर्द क्या जाने?
किसी की प्रीत क्या जाने, किसी का भाव क्या जाने?
की जिसने दर्द झेला है वही आँसू बहायेगा।
तेरे टूटे हुए दिल पे तू खुद मरहम लगाएगा।
तेरी बिगड़ी में कोई भी तेरे ना काम आएगा।
जो कहता है कि मैं तेरा वो तुझको छोड़ जाएगा।
ना वो रुकने की बोलेगा ना तू उसको रोक पायेगा
तेरा टूटे हुए दिल पे तू ख़ुद मरहम लगाएगा।
बुलंदी पे खड़े हो तो सलामी देने आते हैं ।
कि गर्दिश में पड़े हो तो वो तुझसे छुप के जाते हैं ।
मतलबी लोग हैं किसे दुखड़े सुनाएगा?
तेरे टूटे हुए दिल पे तू ख़ुद मरहम लगाएगा।
तेरे ज़ख्मों की ख़ातिर वो नमक मुट्ठी में रखते हैँ।
वो हाक़िम बन के आते हैँ ज़हर बुटी में रखते हैँ ।
संभल जा तू नहीँ उनको तू अपना ज़ख्म दिखायेगा।
तेरे टूटे हुए दिल पे तू खुद मरहम लगाएगा।
की काया की और माया की ये दुनिया दीवानी है।
जो तेरे पास नहीँ दोनोँ, तेरी ना कुछ कहानी है।
तेरा ईमान, तेरा दिल किसी को दिख ना पायेगा
तेरे टूटे हुए दिल पे तू खुद मरहम लगाएगा।
तेरे रोने पे वो ख़ुश हैं ।
तेरे हँसने पे ग़म उनको ।
उन्हें माया से मतलब है ।
नहीँ चाहिये सनम उनको ।
हमेशा की तरह अब भी “सुधीरा” बोल जाएगा ।
तेरे टूटे हुए दिल पे तू ख़ुद मरहम लगाएगा।