तेरे जवाब का इंतज़ार
है मुश्किल अब रहना
लेकिन आसान नहीं कहना
ये दिल की बात मेरे
अब दिल में नहीं रखना
कहता रहता हूं तुमसे
बस इधर उधर की बातें
है नींद नहीं रातों को
मुश्किल से कट रही रातें
हाल दिल का दिख रहा सबको
जाने क्यों तू ही देखता नहीं है
एक बार मेरी आँखों में देख
क्या उसमें बसी तेरी तस्वीर नहीं है
चाहिए जगह तेरे दिल में
बस यही ख़्वाहिश रही है
तू जानता नहीं है, ये बात
कितनी मुश्किल से तुझसे कही है
बेचैन हूं तेरे जवाब के लिए
तू फ़ुरसत में क्यों लग रहा
कह दे मुझे एकबार कबसे
तू मेरा मुरसत है बन रहा
छंटने लगे है बादल
दूर प्रकाश नज़र आ रहा
मुझे तुझमें सिर्फ़ तू नहीं
है मेरा प्यार नज़र आ रहा
बैठा हूं इंतज़ार में तेरे
अब तो तेरा जवाब आए
इस बार मायूसी नहीं
तू ख़ुद मेरे पास चली आए।