तेरे चेहरे का नूर
”तेरे चेहरे का नूर”
तेरे चेहरे का नूर, मेरे दिल को हुजूर, सुकून दे गया।
तेरा नजरें मिलाना, फिर मुस्कुराना, मेरा चैन ले गया।
हर बहती हवा से खुशबू आती है तुम्हारी।
तुम्हारी याद से महके ये मेरी फिजाएं सारी।
तुम्हारी हँसी पर जाऊँ मैं सौ- सौ बार वारी।
जिंदगी हो गयी है मेरी ये फूलों की फुलवारी।
तेरा ये साथ, मेरी इस जिंदगी को, इक उसूल दे गया।
तेरे चेहरे का नूर, मेरे दिल मे हुजूर, सुकून दे गया।
नजर आता है मुझे हर किसी मे तेरा चेहरा।
तेरी यादों से ही होता है अब मेरा हर सवेरा।
ख्वाबो ने तेरे छीन लिया है दिल का चैन मेरा।
अब तो बोल,जनाब-ए-अली,क्या हाल है तेरा।
तेरा पास आना, तेरी यादों का मुझे, हुजूम दे गया।
तेरे चेहरे का नूर, मेरे दिल को हुजूर, सुकून दे गया।।
सुषमा मलिक,
रोहतक
महिला प्रदेशाध्यक्ष CLA हरियाणा