तेरे इंतजार में
दिल में दीप जला है उजियारा बन कर आओ ना।।
कितनी बार कहूं ,क्यों नहीं सुनते हो ,
एक बार तो मिलने आओ ना
होठों पर शब्द नहीं बचे ,बाहों की गलियों में अब भी अंधियारा है
एक बार दिल में फिर से दीप जला है उजियारा बन कर आओ ना।।
कोशिश हजार की तुम्हें भुलाने की ,पर मेरा प्रेम हजार गुना फिर से उधी आया है
शब्दों ने नहीं, सांसो ने समझाया है
मुझ पर तेरी सांसों का कर्जा छाया है
पलके इंतजार में है ,मेरी आंखों का कजरा बन जाओ ना
फिर से दीप जला है उजियारा बन कर आओ ना।।