तेरी हर स्मृतियों का अंतिम संस्कार कर रहा हूं
तेरी हर स्मृतियों का अंतिम संस्कार कर रहा हूं
आज हर इक प्रेमपत्र अग्नि के नाम कर रहा हूं।
इन लिफाफों में तेरे दिए कुछ गुलाब सूखे मिले
बस उसे अपने पास रख सब खाक कर रहा हूं।
तेरे खून से लिखा खत जिसे मैंने सौ बार पढ़ा
जिसे रखता था हर वक्त पास अमानत की तरह।
उसके हर शब्द का क्षल अपने नाम कर रहा हूं
उसे आज मैं अपने रक्त से दागदार कर रहा हूं।
तेरे सिवा कोई और अब भा नहीं सकता ताउम्र
बची जिंदगी का हर क्षण मैं तेरे नाम कर रहा हूं।
तूने मदहोश आंखों के काजल से ठगे कई चेहरे
तेरी चाहत में सारे इल्जाम अपने नाम कर रहा हूं।
तेरा हर उपहार व निशानी वो झूठे मोहब्बत की
सूख गई स्याही दवात सब साथ आज लाया हूं।
जल रहा है देख तेरी स्मृतियों का हर एक दर्पण
एक एक कर बारीकी से सबको राख कर रहा हूं।