तेरी सासों से मेरी सासे मिल जाये(गज़ल)
तेरी सासों से मेरी सासे मिल जाये/मंदीप
तेरी सासों से मेरी सासे मिल जाये,
मेरी रूह को तेरी रूह की पहना मिल जाये।।
आ जाओ अजीज मेरे इतने करीब,
तेरी धडकन से मेरी धडकन मिलकर एक हो जाये।।
रहना करीब तुम दिल के सदा मेरे,
तेरी खुसबू मेरे अन्दर रम जाऐ।।
देना सदा साथ मेरे हमसफर बनकर,
जब भी मेरी आँखे बन्द हो तो तुम मिल जाये।।
जीना है”मंदीप्” ने अब तो तुम्हारे साथ ,
करो दूरियों को कम अब एक हो जाये।
मंदीपसाई