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21 Feb 2024 · 1 min read

तेरी शरण में आया हूं

हे राम मेरे हे राम मेरे अब तेरी शरण में आया हूं
बर्बाद किया जीवन अपना आशीष तेरा अब पाया हूं
हे राम मेरे हे राम मेरे अब तेरी शरण में आया हूं

अपने जीवन में मैने
काम कोई ना नेक किया
नहीं किया प्रेम स्नेह किसी से
ना ही कभी उपकार किया
हृदय प्रेम को आतुर है
स्नेह सदा बनाए रखना
आशीष बनाकर रखना मुझ पर
धारा प्रेम की बहाए रखना
हे राम मेरे हे राम मेरे अब तेरी शरण में आया हूं

दूषित सोच और मलिन ह्रदय संग
कभी ना तेरा नाम लिया
जहां कहीं दिखा मंदिर तेरा
ना रुका ना नमस्कार किया
विशाल हृदय से तुमने हरदम
गलती मेरी भुलाई है
पश्चाताप का एक मौका दे
फिर की मेरी भलाई है
हे राम मेरे हे राम मेरे अब तेरी शरण में आया हूं

इति।

इंजी संजय श्रीवास्तव
बालाघाट मध्यप्रदेश

Language: Hindi
74 Views
Books from इंजी. संजय श्रीवास्तव
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