तेरी याद
आज फिर तेरी याद सता गई
मेरे सांसो से तुम्हारी खुशबु फिर से मुझे महका गई
दिल के खाली पड़े मकान में उथल पुथल हो गई
वो माथे का चुंबन, बाहों के घेरे ने घेर लिया
वो तकिया – चादर, काली बिंदिया फिर से बिखर गई
साँसे गर्म सी हो गई मेरी
आज फिर तेरी याद सता गई!