तेरी याद सीने में है
तेरी याद सीने में है
तेरे जाने का ग़म अबतक मेरे सीने में है।
तेरा वो खुद्दार सितम अबतक मेरे जीने में है,
रफ्ता-रफ्ता तेरी साँसों-सी महकने लगी है।
तेरी निगाहों की वो जलती-सी तन्हाइयाँ ,
आज भी कदमों की आहट गूँजती ज़िने में है।
तेरे जाने का ग़म अbतक मेरे सीने में है।
गली की मोड़ पर मिलना तेरा इत्तेफाकन!
मुस्कुरा के तेरी आँखों का मासूमियत से हँसना।
फिर दाँतों से काट लेना जीभ का कोना,
और दुपट्टे में लिपट जाना तेरा इत्तेफाकन।
वो थरथराते हुए होंठ अबतक मेरे करीने में हैं।
तेरे जाने का गम अबतक मेरे सीने में है।
अबतक याद है कहना तेरा कि हम जाते हैं,
ढेरों याद के असबाब छोड़ जाते हैं।
हमको रखना सजा के दिल में कहीं,
आएंगे याद तुझे दरमियां हर फिज़ाँ के।
वो तेरी आंखों की बारिश अब तलक सीने में है।
तेरे जाने का ग़म अब तक मेरे सीने में है।