तेरी याद में जिंदगी रही है संवर धीरे धीरे
तेरी याद में जिंदगी रही है संवर धीरे धीरे,
सौबत का तेरी हो रहा है असर धीरे धीरे,
बिना तेरे मेरी तो दुनिया रही है बिखर धीरे धीरे,
तेरी याद में बीती रात अब हो रही है शहर धीरे धीरे,
जगने नहीं देती तेरी मुस्कान हो जाती है पहर धीरे धीरे,