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13 Dec 2024 · 1 min read

“तेरी यादों के छापे पड रहे हैं ll

“तेरी यादों के छापे पड रहे हैं ll
सुकून के खजाने पकड़ रहे हैं ll

मैं दुश्मनों से सुलह कर रहा हूं,
लोग हैं कि अपनों से झगड़ रहे हैं ll

स्वप्न आंखों में टूट टूटकर,
आंसूओं के साथ झड़ रहे हैं ll

जिस सफर में मंजिलें दूरियां हैं,
हम उसी सफर में आगे बढ़ रहे हैं ll

रो रोकर वही सब लिखा हमने,
जिसे लोग हंस-हंसकर पढ़ रहे हैं ll”

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