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19 Sep 2018 · 1 min read

तेरी यादों की बारात खो जाए

ये अल्फ़ाज़ खो जाएं ,ये जज़्बात खो जाए
तड़पाती हैं तेरी सौगात, ये सौगात खो जाए

मेरी आँखों में नमीं रहे मग़र बरसात ना हो
इन आँखों के मौसमों से ,ये बरसात खो जाए

नश्तर सा चुभती हैं तेरी बातें सीने में रह रहकर
मैं भूल जाऊँ बातें सारी ,तेरी हर बात खो जाए

तेरे इश्क़ में सहरा मिला ,मुझें ज़ख्म गहरा मिला
ना बजे धुन कानों में तेरी यादों की बारात खो जाए

~~अजय “अग्यार

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