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19 Jul 2021 · 1 min read

तेरी यादों की एक लकीर

बार बार
मैं देखूं
तेरी तस्वीर
दिल में
उभर आती है
तेरी यादों की एक लकीर
तू नहीं कोई
एक धुंधली जंजीर
तू तो मेरे दिल की गली में
सदियों से भटकता
एक फकीर
मैं भी छोड़ दूं
अपना चोला तो
दोनों मिल जायें
एक रंग
एक खुशबू
एक अंग
एक अक्स
एक आत्मा से
तस्वीर नहीं
फिर दिखेगा
एक रोशनी सा तेरा उज्जवल चेहरा।

मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001

Language: Hindi
1 Like · 398 Views
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