तेरी यादें….!
साँसे भी दे दूँगा
दिल करता है मेरा पिंकी
जिंदगी तुझे दे दू पिंकी
जिंदगी की सारी
खुशी तुझे दे दू पिंकी
दे दे अगर तू मुझे,
भरोसा है पिंकी तेरे दिल का।
यकीन करले तू मेरा पिंकी
दे दूंगा पिंकी तुझे अपनी साँसे।।
दिया है अब तक पिंकी तूने मेरा साथ,
आगे भी उम्मीद रखता हूँ पिंकी
तेरे जैसे दोस्त की पिंकी
अपने दिल में हर पल पिंकी रखता हूँ तुझे।
और यकीनन दिलसे पिंकी
तुम्हें से प्यार मैं करता हूँ।
इसलिए हमसफर पिंकी अपना
तुम्हें बनाना चाहता हूँ।।
दिल की धड़कन में पिंकी तू
तुम ही तुम बसती हो।
मेरी हर सांसो में अब पिंकी
तुम ही तुम धड़कती हो।
मैं कैसे कहूँ तुम से पिंकी
मेरी साँसे तुम ही हो।
नहीं दिखेंगी जिस दिन पिंकी तू
वो मेरा आखरी दिन होगा।।
मौलिक एवं स्वरचित
~ अभिषेक बोस (जेताराम)
विशाला सायला (जालौर) 343032