तेरी जरुरते मेरी चाहत
अगर मैं तुम्हे भूल जाऊ तो
मुझे बेवफ़ा कहना,
तेरी वफ़ा ना सही
बेवफ़ाई तो याद रखुगी मैं !
अब ना जख्म भरेगे,
ना दिल हंसेगा,
ना अब
पहले जेसी मोहब्बत होगी !
मैं भी यही हुं
तू भी होगा,
ना अब
दिदार की ख्वाहिश जगेगी !
तुम्हारे लिये
तुम्हारी जरुरते पहले थी,
मेरे लिये मेरी चाहत
मुझे भी शोहरत पानी थी,
आगे बडना था,
लेकिन तुम्हें साथ लेकर !
कल को तुम्हें फरागत ना थी,
आज मुझे नहीं है !
तुम्हें पाने के लिये
क्या कुछ नहीं किया,
कितनी बेवकूफ़ियां की,
अब एहसास होता है !