तेरी अंखियन ने मुझको मारा मेरी साॅसाे का है सहारा
तेरी अंखियन ने मुझके को मारा मेरी सॉसाे का है सहारा ,
तुझे याद करू में दिन भर या करलु तुझसे किनारा,
यादे तेरी है कातिल यादो का है सहारा ,
याद आता है तेरा आना आकर के चले जाना,
तडपाये मुझको तेरी वो वफा की बाते ,
याद आता है तेरा यू इस कदर मुस्कुराना ,
होठो की तेरी हॅसी वो कातिल अदा तुम्हारी ,
तडपाये मुझको तेरा यू हाथ छोड के जाना ,
हाथ छोड कर जाना और दुजे को अपनाना ,
गजले बहारे आई गजलो का है जमाना ,
जहा ये समझे पागल गहलोत को यह दिवाना ,
जब जुबा पर आये तेरे नाम का फसाना ,
मै हॅस के टाल देता तेरे नाम का तराना ,
जब आयी बेवफाई की बाते तेरे नाम को छुपाना ,
बस मेरी यही है फितरत मेरे दर्द की दास्ताना ,
हो न जाये बदनाम प्यार का जमाना ,
इसलिए मै यही कहता कभ्ाी दिल नही लगाना,
हो न जाये तेरे मेरे प्यार का जमाना ,
घुटता है मेरा दम यु बेरहम है जमाना ,
यह सोच कर हमने तेरे बाद दिल नही लगाया ,
कही जुड न जाये मेरे जीवन में फिर से बेवफाई का तराना,
तेरी अंखियन ने मुझको मारा मेरी साॅसाे का है सहारा ,
भरत गेहलोत
जालोर राजस्थान
सम्पर्क सुत्र (7742016184)