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7 Aug 2022 · 1 min read

तेरा ये रोना और रो रो कर फलक पे नजर करना

जिल्लतों से राब्ता करके इज्जतों का सफर करना
क्या इसे ही कहते हैं मेरे दोस्त जिंदगी बसर करना

ये क्या कम है बस्तियाँ फूंक दीं घर बार जला दिए
इससे ज्यादा बुरा और क्या किसी का हश्र करना

हद से न गुजर जाना ओ जुल्मों सितम के शंहशाह

अगर कर सके तो हम पर थोड़ी सी कसर करना

इज्जत.शौहरत,जिंदगी को भी मटियामेट कर देगा
तेरी आह का निकलकर सीधे दिल पे असर करना

डर लगता है कहीं कयामत के दरवाजे ना खोल दे
तेरा ये रोना और रो रो कर फलक पे नजर करना
मारूफ आलम

Language: Hindi
221 Views

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